वृद्ध भी अनाथ होते हैं
पीपल के पेड़ बरगद की छांव होते हैं बूढ़े मां-बाप।
पसीने की कमाई बच्चों की पढ़ाई फिर शादी भी करते हैं।
फिर कुछ बच्चे चले जाते हैं विदेश में और हो जाते हैं,
इस शीतल छांव से वंचित।
पिता करता है,
आने जाने वाले नौजवानों से अपने बच्चों की जी भर के प्रशंसा और वैभव के गुणगान
उस सड़क पर जो जाती है वृद्ध आश्रम की ओर।
बूढी आंखें तकती हैं अपने अपने बच्चों की राह।
हां ! भी बूढ़े मां-बाप भी अनाथ होते हैं।
कौन कहता है की केवल बच्चे अनाथ होते हैं?
पीपल के साए और बरगद के छांव से वंचित है बच्चे।
बूढ़े बाप की पथराई आंखें, मां के चेहरे की झुर्रियां बस तकती हैं राह,
उस सड़क पर जो जाती है वृद्ध आश्रम की ओर ।
बूढ़े माता-पिता भी अनाथ होते हैं।
कौन कहता है कि बस बच्चे अनाथ होते हैं??
© आलोक अजनबी

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