रावण कौन
फिर आया विजयदशमी त्योहार रावण जलेगा फिर एक बार।
क्या यह सचमुच जल जाएगा लौट के कल फिर नहीं आएगा?
बहन का बदला लेने हेतु सीता जी को उठाया।
नैतिक शक्ति इतनी मां सीता को हाथ तक ना लगाया।
सरेआम हैं हवस के रावण बात यही है सच्ची।
ना जाने किस भेष में आएं नौच दे छोटी बच्ची।।
हर तरफ है त्राहि त्राहि मच रहा कोहराम।
हवस के बाबा, जेल गए जो सबके नाम में राम।।
आज के नेता देखो यारो सत्ता के दलाल,
संसद चाटें सारी मलाई जनता है बेहाल।।
विजयदशमी का त्यौहार तब ही होगा पावन।
हर इंसान जलाए मिलकर अपने अंदर का रावण ।।
© आलोक अजनबी

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