ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

मां तेरे मंदिर की महिमा-घायल परिन्दा

मां तेरे मंदिर की महिमा है सबसे अजब निराली।
जो भी तेरे दर पर आता उसकी भरती झोली खाली ।।
तेरे दर्शन करने से ही मन के पाप भाग जाते हैं।
मन की शुद्धि हो जाती है सोए भाग्य जाग जाते हैं ।।

तेरे चरणों की रज पाकर इक कंकड़ पहाड़ बन जाता है ।
चूहा भी तेरी कृपा से शेरों की दहाड़ बन जाता है।।
मन से जो भी ध्यान लगाए वो भवसागर से मुक्ति पाता है।
भव बाधा से दूर सदा वह इक अद्भुत शक्ति पाता है।।

हर जीव तेरे कदमों में ही बस सच्ची भक्ति पाता है। 
सब अरमान अधूरे पूरे होते और मन से तृप्ति पता है।।
जिसकी कृपा से हर पत्ता झूमे और झूमे डाली डाली।
 कहे, परिन्दा घायल, उस मां शक्ति की शक्ति दुनियां में ,है सबसे शक्तिशाली।।

मां तेरे मंदिर की महिमा है सबसे अजब निराली। 
जो भी तेरे दर पर आता उसकी भरती झोली खाली।।

घायल परिन्दा

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