करवाचौथ
------------------
चंदा ! तेरा भाग्य बड़ा
तूं सब के मन को भाए
सारा जगत की सुहागनें
तुझे निरखत रोटी खाए.
गृहस्थी की गाड़ी में
दो पहिए नर और नार
जीवन सफल हो जावे
जब दौनों में रहे प्यार.
एक चंदा तो धरती पर
दूजा अम्बर में मुस्काय
मेरे इस चंदा के आगे
तूं चन्दा कुछ भी नाय.
प्रेम और विश्वास ही
है परिवार का आधार
भवसागर की नैया को
कर लो मिलकर पार.
'राजस्थानी' मंगलमय है
करवाचौथ का त्यौंहार
अमर रहे सुहाग नारी का
मैं करूं ईश्वर से मनुहार.
---------------------------
✍️- तुलसीराम "राजस्थानी"

0 Comments