ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

सुहागन - प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई

शीर्षक:-सुहागन 
जन्मो जनम का साथ रहे, 
मैं तेरी प्रियतम बन जाऊँ ,
तू मेरे सांसो में समाय ,
खुशहाली उम्र भर पाऊँ ।

साजन मेरे मांग का सिन्दूर है ,
सजती रहूँ, संवरती रहूँ येही दस्तूर रहे,
ईश्वर से मांगू आयु तेरी ,
महकती रहूँ, चहकती रहूँ प्रेम कस्तूर रहें ।

अहिवात सदा के लिए अचल मांगू माँ ,
दाम्पत्य जीवन मधुर रहे श्रद्धा चाहूं माँ , 
कच्चे सूत से बांध दिया है मैने प्रेम अपना माँ ,
सतीत्व प्रतिभा विनती करती हे करवा माँ !
पिया मेरा अमर रहे वरदान मांगू माँ ।

जब तक चांद सूरज रहे, पिया जी का नाम रहे ,
सुहागन मरण मेरा हो,गोद पिया का सेज रहे ,
सारा सोलह श्रृंगार, पिया के नाम करती हूँ ,
हो तीज या करवा चौथ का त्यौहार,
 पिया के लिए रखती हूँ ,
आपस का सच्चा प्रेम डोर अटूट संबंध में बंधी रहे,
आजीवन सुहागन का ताज सर मुकुट सजी रहे |

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

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