ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

दीवानों की चाल है

#दिनांक:-29/5/2024
#शीर्षक:- दीवानों की चाल है।

बेवा विवाह सामाजिक बवाल है ।
प्रेमपूर्ण हृदय करता मलाल है ।।1।

रोक-टोक का अतिशय बनता जंजाल है ।
मन की भिन्नता घर-घर कलह पंडाल है ।।2।

जहर को जाम कहना,दीवानों की चाल है,
रस भरे दिल में,जुबान से उखाड़ता खाल है ।।3।

सब सक्षम सपना सबल साकार रसाल है,
एकाएक सपना टूटना चीत्कार कराल है।4।

मगन मीरा जैसी मीत गीत खयाल है ।
प्रवीणता पर कहीं जवाब कहीं सवाल है ।।5।

स्नेहशुदा मस्त जीवन दिन खुशहाल है ।
गमगीन पस्त जिन्दगानी रूप कमाल है ।।6।

व्यक्तित्व आकर्षित आचरण ही ढाल है ।
मोहित विचार बखान व्यवहारिक हाल है ।।7।

मगन प्रेम में सभी 'प्रति' प्रीत मुहाल है ।
अविस्मरणीय दरसन देती छवि कुनाल है ।।8।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई


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