ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

'राष्ट्रकवि' मैथिलीशरण गुप्त जी

हिंदी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना के अग्रदूत, काव्य-शिरोमणि, प्रखर चिंतक, 'पद्म भूषण', 'राष्ट्रकवि' मैथिलीशरण गुप्त जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि!
मैथिलीशरण गुप्त जी का साहित्यिक योगदान अमूल्य है। उनकी रचनाएं दीर्घकाल तक हमें प्रेरित करती रहेंगी और हमारे साहित्यिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा बनी रहेंगी।


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