मौन की शक्ति से,राष्ट्र की परम भक्ति

(पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की महाप्रयाण 
बेला पर कुछ पंक्तियां सादर निवेदित हैं:__)


मौन की शक्ति से,राष्ट्र की परम भक्ति 

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प्रेरणा पुंज व्यक्तित्व कृतित्व,
आर्थिक सुधार महा नायक।
वित्त प्रबंधन सहज सरस,
सोच समग्र विकास परिचायक।
अर्थशास्त्र अंतर पांडित्य,
सूत्र अवधारणा सरल प्रयुक्ति।
मौन की शक्ति से,राष्ट्र की परम भक्ति ।।

अर्थ मेघा अद्भुत अनुपम,
पद कर्तव्य निर्वहन अनूप ।
शोभा शिक्षक सलाहकार,
गवर्नर वित्त मंत्री सह राष्ट्र भूप ।
द्वि कार्यकाल प्रधानमंत्री रूप, 
सजग प्रयास जन संकट मुक्ति ।
मौन की शक्ति से,राष्ट्र की परम भक्ति ।।

अहम कदम आर्थिक सुधार, 
रोजगार क्षेत्र नरेगा श्री गणेश ।
पहचान हित आधार कार्ड,
निर्माण परमाणु सशक्त परिवेश ।
शिक्षा व सूचना अधिकार अतुलित,
सर्व शिक्षा पारदर्शी तंत्र अनुरक्ति।
मौन की शक्ति से,राष्ट्र की परम भक्ति ।।

जीवन गाथा सादगी ओतप्रोत,
प्रति निर्णय बिंदु राष्ट्र उत्थान ।
साध्य माध्य अर्थ आनंद, 
सदा सर्व प्रगति आह्वान ।
कोटि कोटि नमन महामनीषी,
अनंत श्रद्धांजलि हिंद उर उक्ति।
मौन की शक्ति से,राष्ट्र की परम भक्ति ।।

*कुमार महेंद्र*
(स्वरचित मौलिक रचना)
दिनांक 27/12/2024

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