ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

काली बिल्ली बोखी नानी-रचनाकार कमलेश कुमार कारुष प्राथमिक विद्यालय किरका ब्लाक हलिया जनपद मीरजापुर

😃काली बिल्ली बोखी नानी😀

काली बिल्ली बड़ी चिबिल्ली,
जो   आयी   थी   दिल्ली  से।
निस दिन घर के  अंदर  रोटी,
चुराके   खाती   झिल्ली   से।।

एक दिन  बोखी  नानी  आई,
पूड़ी   पेड़ा    पुपुली   लेकर।
काली बिल्ली  टुक टुक देखी,
डालि  गले  में  काला  नेकर।।

देख  चलाकी    बिल्ली   की,
मारन    दौड़ी   नानी   बोखी।
चकरी   ऊपर   गिरी   धड़ाम,
टूटा   चश्मा   रो   रो   खोखी।।

काली  बिल्ली  पकड़ी  पल्लू,
बोखी       नानी      झल्लाई।
दौड़    लगाके    कोने   कोने,
दईया       दईया      चिल्लाई ।।

बिल्ली  पकड़े  दौड़  रही  थी,
नानी     कूद    कूदके   कूड़ी।
सब कुछ चट गई मार झपट्टा
काली    बिल्ली   पेड़ा   पूड़ी।।

बचा  भाग में  पुपुली  केवल,
नानी  नी   नी    खूब     रोई।
पीट  पीटके   मत्था    बोखी,
कारुष    चकरी    पर   सोई।।

 रचनाकार
 कमलेश कुमार कारुष
 प्राथमिक विद्यालय किरका 
 ब्लाक हलिया, जनपद मीरजापुर

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