😀शैतान आंधी😀
आंधी आयी जोर शोर से,
झूम उठी हर डाली।
उड़े घोसले फूटे अण्डे,
नष्ट हुआ मकड़ी का जाली।।
पन्ने भी फड़ फड़ फड़के,
क्षत से गिरा ओ गमछा।
अखबार उड़ा दादा हाथों से,
गिर गई दादी खाके मुरछा।।
पप्पू को भी उड़ा लिया,
गप्पू गिर गया नाला में।
उड़ा दुशाला आंधी साला,
गया मार टक्कर ताला में।।
नानी चश्मा चटक गया,
गिरके नाक से खाले।
बर्तन भी हड़ हड़ा उठे,
गिरे मेज से प्याले।।
देख हालात इस आंधी की,
आंख से हो गये अन्धे।
कारुष नष्ट हुआ सब कुछ,
हो गये चौपट सारे धन्धे।।
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रचनाकार
कमलेश कुमार कारुष
प्राथमिक विद्यालय किरका
ब्लाक हलिया
जनपद मीरजापुर
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