शीर्षक:-सशक्त नारी तुम्हें बनाऊॅगी।
मासूम कली मनमोहक सूरत,
गोद में आयी दिव्यमयी मूर्ति,
असीम खुशी का अनुभव,
उसकी मुस्कान में फैल गई मेरी ही कीर्ति,
जिगर का टुकड़ा हो तुम,
अनुभव सुखद लायी हो तुम।
गोद में आयी दिव्यमयी मूर्ति,
असीम खुशी का अनुभव,
उसकी मुस्कान में फैल गई मेरी ही कीर्ति,
जिगर का टुकड़ा हो तुम,
अनुभव सुखद लायी हो तुम।
चारों तरफ खुशहाली छा गयी,
मेरे बचपन में पुनः लायी हो बहार तुम।
सशक्त नारी तुम्हें बनाऊँगी,
हर मुश्किल से लड़ना सिखाऊँगी,
डरना नहीं हौंसला रखना मेरी जान,
बेटा-बेटी के भेद से ऊपर,
असीम शक्तिशाली बनना बताऊँगी।
असीम शक्तिशाली बनना बताऊँगी।
हर जगह सफल रहना मेरी बेटी,
मेरे विश्वास पर विश्वास रखना मेरी बेटी,
अँगुली पकड़कर चलना सिखाऊॅगी मैं,
हमेशा जोश-उत्साह से चलना मेरी बेटी।
अच्छी बेटी,बहू , नारी बनना मेरी बेटी।
राह रोकने वालों की कमी नहीं ,
दरिन्दगी करने वालों की कमी नहीं,
पर घबरा कर रूक जाना नहीं ।
असम्भव को सम्भव करना है तुझे,
मुश्किल, असम्भव,
असफलता जैसे शब्दों से,
डराने वालों की कमी नहीं।



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