ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

अठाईस सितंबर धन्य हुआ,तेईस मार्च की स्तुति में - महेन्द्र कुमार (स्वरचित मौलिक रचना)

(आज भगत सिंह जयंती है । 28 सितंबर 1907 को उनका जन्म हुआ और 23 मार्च 1931 को महाप्रयाण ,आजादी के शहजादे को कुछ शब्द प्रसून सादर अर्पित है ।)

अठाईस सितंबर धन्य हुआ,तेईस मार्च की स्तुति में 
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अठाईस सितंबर उन्नीस सौ सात,
शहीदे आजम हिंद अवतरण ।
रज रज अति उमंग उल्लास,
सर्वत्र अप्रतिम खुशियां संचरण ।
फिरंगी सिंहासन हिला डाला,
प्रतिभाग कर क्रांतिकारी युक्ति में ।
अठाईस सितंबर धन्य हुआ, तेईस मार्च की स्तुति में ।।

बाल्यकाल अथाह संचरण,
देश भक्ति ओतप्रोत भावनाएं ।
ऊर्जस्वित रहे कदम सदा,
पूर्ण करने आजादी कामनाएं ।
भारत मां असीम वंदन,
रंग दे बसंती चोला सूक्ति में ।
अठाईस सितंबर धन्य हुआ, तेईस मार्च की स्तुति में ।।

साउंडर्स की हत्या हो या,
लाहौर एसेंबली बम कांड ।
प्रतिरोध कर दुत्कार दिए,
दमनकारी फिरंगी मांड ।
जनमानस संचेतक बने,
हर आंदोलन प्रयुक्ति में ।
अठाईस सितंबर धन्य हुआ, तेईस मार्च की स्तुति में ।।

अंतिम सांस देहरी पर ,
हिंद स्वतंत्रता चाहना ।
अर्जुन सम एक लक्ष्य,
अंग्रेजी हुकूमत ढाहना ।
असीम हर्ष गौरव अनुभूति,
प्राण न्यौछावर आजादी परम आहुति में ।
अठाईस सितंबर धन्य हुआ, तेईस मार्च की स्तुति में ।।

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महेन्द्र कुमार
(स्वरचित मौलिक रचना)
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