ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

संघर्ष-कलम से✍️ कमलेश कुमार कारुष मिर्जापुर

संघर्ष
संघर्ष के पथ पे नेको दुविधाएं आते,
संघर्ष करने वाले  दिल से मुझे भाते,
अपकर्ष भी बदलता  है यूं उत्कर्ष में,
जो चंद सुख त्याग हैं संघर्ष अपनाते।।

यह बहुत बड़ी उपलब्धी जो संघर्ष को चुनें,
लौकिक सुख छड़िक छड़ भंगुर जिसे गुनें,
ओ संघर्ष को सदा  चयन कर जिन्दगी में,
बढ़ें सदा उन्नति पथ कारुष गगन को छूनें।।

कलम से✍️
कमलेश कुमार कारुष 
मिर्जापुर

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