हौसले का घोंसला
मां बनने के एहसास से ,
अपने आने वाले बच्चों के लिए परिंदे बनाते हैं घोंसला।
तिनक तिनका चुभना सुबह से शाम।
बस थोड़ा सा विश्राम।।
नर परिंदा करता है जी तोड़ मेहनत अपनी मादा के प्रति प्रेम और विश्वास जताने के लिए।।
फिर देती है मादा परिंदा छोटे-छोटे अंडे उन घोंसले में।
रखती है अपनी ममता की गर्माहट।
लाकर देती है दाना बच्चों के अंडों से बाहर आने पर।
दोनों करते हैं मेहनत बच्चों के लालन पालन मेऔर जीवन यात्रा को सुगम बनाने की शिक्षा देते हैं।
एक दिन यह नन्हे परिंदे सीख जाते हैं उड़ना जीवन जीना।
कुछ सालों बाद यह बच्चे भी अपनी जीवन साथी के संग बनाते हैं एक नया घौसला, अपने बच्चों के लिए।।
© आलोक अजनबी

0 Comments