दृष्टिकोण
हर जगह चेहरे पर अच्छी मुस्कान नहीं होती ।
हर सच्चे व्यक्ति की मीठी जुबान नहीं होती।।
किसी के गम में कुछ दिल से जो बहा दे आंसू ।
हमदर्द की इससे बड़ी कोई पहचान नहीं होती।।
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चांद तारों से उतर कर जमीं आ गये हो ।
प्यासे होंठों की बनकर नमीं आ गये हो।।
जिस मूरत को हमने तराशा युगों तक।
उसकी करने को पूरी कमीं आ गये हो।।
जय हिन्द जय साहित्य
सादर घायल परिन्दा
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