मस्त मलंग यौवन बहार
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अंग प्रत्यंग नव अंकुरण,
घट पट उमंग लहर ।
संवाद पटल माधुर्य,
सर्वत्र खुशियां महर ।
हर छवि प्रेयेसी सम,
रग रग नेह दर्शन साकार ।
मस्त मलंग यौवन बहार ।।
नूतन ओज मधुर स्वर,
जीवन उत्सविक अनुपमा ।
तन मन प्रचंड वेग बिंदु,
अनंत प्रणय भाव रमा ।
तरूणाई पर्याय अरुणाई ,
तृषा स्पर्शित तृप्ति आगार ।
मस्त मलंग यौवन बहार ।।
अल्हड़ता पूर्ण व्यवहार,
मैत्री परिध हास्य परिहास ।
उग्र जोश अठखेलियां,
चाह राह शौर्य साहस ।
असंभवता मूल विलोपन,
कीर्तिमानी आरेख आधार ।
मस्त मलंग यौवन बहार ।।
अति सुरभित भाव भंगिमा,
अंतःकरण शुभता स्पंदन ।
कदम चाल मोहक सोहक,
लक्ष्य पथ सतत अभिवंदन ।
पावन दृष्टि सकारात्मक सोच,
मन मंदिर अविरल राग मल्हार ।
मस्त मलंग यौवन बहार ।।
कुमार महेन्द्र
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