ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

दोस्ती

दोस्ती किसी मुलाकात की मोहताज नहीं
लफ्जो को बया करने की जरूरत नहीं
जुदा हो ऐसी मोहलत नहीं



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