साल का पहला त्योहार


साल का पहला त्योहार......


त्योहारों का देश है मेरा, हर रोज होता त्योहार यहां।
सब धर्मों का बरगद है ये, होता सबका सम्मान यहां।।

कभी ईद दिवाली साथ मनाते, कभी दुर्गा पूजा साथ में।
बैसाखी संग रामनवमी, मिलकर मना लेते हैं यहां।।

कभी नौमी कभी अमावस, कभी बक़रीद मनाते हैं।
होली भी मिलकर मनाते सब, बैर भाव भूलकर यहां।।

बर्तनों का खड़कना लाजमी, पर रहेंगे एक ही रसोई में।
इन्हीं खुबियों के कारण ही, अचरज में रहता है जहां।।

लोहड़ी का भी महत्व है, पूरे देश में मनाया जाता है।
सभी चाव से बांटते रेवड़ी, गिद्दा गाते मिलकर यहां।।

राजेंद्र सिंह श्योराण।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form