ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

प्यार करने वाले बताए-शोभित यादव

प्यार करने वाले बताएं 
प्यार करने से गुजारा हो गया क्या ?
 जी भर निहार लेने से ,
उसको आंखों में बसाना हो गया क्या?

ये मीठी मीठी बातों से,
एक वक्त का खाना हो गया क्या ?
हां तुम तो प्रेमी हो,बिन खाए भी रह लोगे,
ये बताओ बिना खाना खाए खाली पेट सोना हो गया क्या ?

तुम तो घर से भागकर गए थे 
ये बताओ घर से भागकर,
तुम्हारा कोई ठिकाना हो गया क्या?
हां तुमने तो किराए से कमरा लिया था,किराए के मकान में कुछ दिन रहने से ,
वो मकान तुम्हारा हो गया क्या?
तुम तो बेरोजगार थे, हां मजदूरी करने लगे थे,
ये बताओ मजदूरी करके घर का किराना हो गया क्या?

अब उससे क्यों करवा रहे हो सिलाई का काम,
उसे जिंदगी भर बैठा के खिलाना हो गया क्या?
अब लौट के क्यों आए हो,अब क्यूं रो रहे हो।
ये बताओ बिना घर वालों की खैरात के उसको अपनाना हो गया क्या?
शोभित यादव 


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