कैप्टन लक्ष्मी सहगल
1914 मद्रास (चेन्नई) के तमिल परिवार में जन्मी लक्ष्मी सहगल जिनके पिता डॉक्टर एस स्वामीनाथन उच्च न्यायालय के वकील थे, वहीं उनकी माता एवी अमुकुट्टी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थी । डॉ लक्ष्मी सहगल के पिता उच्च न्यायालय के वकील थे, अगर वह चाहती तो राजनीति के किसी बड़े पद पर रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकती थी, लेकिन उन्होंने देश की सेवा करना स्वीकार किया ।
वह सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज में शामिल हो गई ।
और रानी झांसी रेजिमेंट की कर्नल बनाई गई लेकिन दुनिया उन्हें
कैप्टन लक्ष्मी के नाम से जानती है । क्योंकि वह एशिया की पहली महिला कर्नल थी । कैप्टन लक्ष्मी सहगल एमबीबीएस करने के बाद सिंगापुर चली गई थी। बाद में नेता जी सुभाषचंद्र बोस से मिलने के बाद वह भारत आ गईं और डॉक्टर का कोट निकालकर वह आजाद हिंद फौज की वर्दी पहनकर देश की सेवा करने लगी । वह एक राष्ट्रवादी महिला थी गांधीजी ने जब विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार आंदोलन छेड़ा तो उन्होंने उस में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और वह जेल भी गईं। लेकिन उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया । वह आजाद हिंद सरकार की पहली कैबिनेट महिला सदस्य बनी भारत सरकार ने उन्हें 1998 ईस्वी में पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
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पिंकी अरविन्द प्रजापति सिधौली सीतापुर |
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