ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है

विश्व वृद्धजन दिवस (01 अक्टूबर,2023)

हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है 

सनातनी संस्कृति संस्कार,
वृद्धजन सदा परम स्थान ।
स्नेहिल पावन सानिध्य,
दुःख कष्ट तनाव प्रस्थान ।
अनूप आनुभविक शाला,
प्रेरणा ज्ञान पुंज बहार है ।
हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है ।।

पौराणिक कथा कहानियां,
अद्भुत पुरात्तन दृष्टांत ।
शमित सारे उग्र आवेश,
चितवन अनुपम शांत ।
भूमिका नित अभिवंदित,
अभिनंदित इनसे उपसंहार है ।
हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है ।।

आचार विचार व्यवहार ,
अतुलनीय दिव्य संपदा ।
अपनत्व सरित प्रवाह,
आभा धर प्रियवंदा ।
यथार्थ संप्रेषण सेतु,
हास्य विनोद समाहार है ।
हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है ।।

अंध भौतिक युग वश,
वरिष्ठजन उपेक्षा शिकार  ।
 बढ़ रहे हैं वृद्धाश्रम ,
अंतर्मन पलित स्वार्थ विकार ।
अब मिटाकर संकीर्ण सोच ,
 खूब करना आदर मनुहार है ।
हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है ।।

महेन्द्र कुमार
(स्वरचित मौलिक रचना)

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