ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

भारत माँ-चन्द्रगुप्त प्रसाद वर्मा "अकिंचन"

🙏भारत माँ🙏

 पाँव पखारे 
 निशि दिन सागर
नमन करे। 
गंग- यमुन
बैजयंती उर की
संताप हरे।
हिम किरीट 
है मस्तक राजे
धवल करे।
उच्च शिखर
तिरंगा लहराये 
शमन करे।
सर्वभूतेषु 
शौम्य स्वरूपे 
सिंहःवाहिनी।
विमला देती 
है विद्या विनयम्
विमल करे। 
कमला देती
सुखशान्ति सम्पदा
कोठार भरे।
मूल मंत्र है 
स्वमेव मृगेन्द्रिता
भारतवर्षः।
भारत भूमि
है मातृ स्वरूपे 
नमन् करें।

✍️
चन्द्रगुप्त प्रसाद वर्मा "अकिंचन"

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