ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

राम कथा-पंकज सिंह "दिनकर" (अर्कवंशी) लखनऊ उत्तर प्रदेश


राम कथा

राम कथा है अद्भुत जग में ,
दिखलाती नई राह।
सत्य मार्ग पर चलते जाओ।
करो नही परवाह।
वक्त परीक्षा सबकी लेता,
वक्त, वक्त की बात।
वक्त पड़े हर एक व्यक्ति पर,वक्त पड़ा भगवान।
वक्त थपेड़े जो सह लेता,
हो जाता गुणवान।
मायावी मृग बनकर आया,सीता मां की खातिर,
असमंजस में पड़े लखन जी,
चाल दशानन शातिर।
बहक गए दोनो निज भ्राता,
पीछा किया सुमार।
देख अंकेले मां सीता को,चल दी अपनी चाल।
इस छलिया संसार का,देखो कैसा हाल।
फिर भी विचलित नही हुए प्रभु,
हिम्मत कभी ना हारे।
सत्य मार्ग अपनाकर जग में,
प्रभु राम कहलाए।
अति उत्तम आदर्श प्रभू का,
सूर्यवंश की शान,"
दिनकर"सम जगमग है जग में,
प्रभू राम पहचान।।

 ✍️
पंकज सिंह "दिनकर"
(अर्कवंशी) लखनऊ उत्तर प्रदेश

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