जो भारत देश में जन्मे और देश छोड़कर चले गए वह बहुत कुछ भूल गए होंगे लेकिन कुछ ऐसा भी है जो कभी नहीं भूल सकते चार पंक्तियों में लिखने का प्रयास किया है।
भूल गये तुम ऋषि दधीचि को और बलिदानी परिपाटी को,
घास की रोटी भूल गये और भूले हो हल्दीघाटी को।
और माना कि तुम चले गए हो सात समंदर पार भले ही,
पर कभी भूल नहीं सकते हो तुम अपने वतन की माटी को।।
अनूप 'एकलव्य'
शब्दाक्षर जिला अध्यक्ष
बाराबंकी उत्तर प्रदेश,
कवि, लेखक, समाजसेवी एवं पर्यावरण सैनिक।
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