ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

साड़ी,नारीत्व की आन बान शान

साड़ी,नारीत्व की आन बान शान 

**************************
हिंद संस्कृति नारी जगत,
देवी तुल्य प्रतिष्ठा छवि ।
सुसंस्कार मर्यादा वाहिनी,
परंपरा वंदन श्रृंगार नवि ।
सदियों सह उत्तम शोभना,
परिवार समाज राष्ट्र पहचान ।
साड़ी,नारीत्व की आन बान शान ।।

यजुर्वेद ऋग्वेद संहिता उल्लेख ,
साड़ी अंतर मांगलिक महत्ता ।
यज्ञ हवन व्रत उपासना काज,
सशक्त धर्म आस्था सत्ता ।
वासस अधिवासस वैदिक उपमा, 
स्नेहिल सेतु वरिष्ठ मान सम्मान ।
साड़ी,नारीत्व की आन बान शान ।।

आकार प्रकार शैली सौंदर्य,
भोगौलिक परंपरा अहम बिंदु ।
रूचि अभिरुचि प्रधान घटक,
पारिवारिक मूल्य अमिय सिंधु ।
आत्मविश्वासी सहज आराम दायक,
अभिवृद्धि गरिमा शील स्वाभिमान ।
साड़ी,नारीत्व की आन बान शान ।।

कांजीवरम बनारसी मधुबनी,
पटोला नौवारी मूंगा रशम चंदेरी ।
गठोड़ा तसर बालूछरी कांथा ,
रशमी हकोबा बंधेज महेश्वरी ।
लोक रंग विविधा संज्ञा संबोधन,
परिवेश आभा मनोरम मुस्कान ।
साड़ी,नारीत्व की आन बान शान ।।

*कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
दिनांक 18/11/2025

Post a Comment

0 Comments