अंजाम दिल की बातों का
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नज़रों से नज़रे मिली...इकरार हो गया
चाहा ना ,सोचा ना कभी...प्यार हो गया
हर पल उनके ख्यालों में...ये दिल खो गया
उनके एक दीदार का...तलबगार हो गया
चांँद में भी हमको...उनका दीदार हो गया
ख्वाबों के अंजुमन में... इंतजार हो गया
इश्क से रोशन मेरा सारा...जहां हो गया
उनकी एक मुस्कुराहट पे... कुर्बान हो गया
अंजाम दिल की बातों का..."स्वाति"क्या हो गया
पहले था मैं तन्हा...अब गुलिस्तान हो गया
🌹 स्वरचित श्वेता गर्ग "स्वाति"🌹
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