उदासी क्यों छुपाते हैं- अनुज प्रताप सिंह सूर्यवंशी


उदासी क्यों छुपाते हैं

उदासी क्यों छुपाते हैं,  
हम अपने दिल को क्यों समझाते हैं?  
जब आँखों में हो अश्रु भरे,  
तो हंसने की चाह क्यों जताते हैं?

क्यों हर दर्द को छुपा लेते हैं,  
दुनिया से यूं मुंह छुपा लेते हैं?  
जब दिल भारी हो बोझ से,  
तो हल्का होने का ढोंग क्यों करते हैं?

क्यों नहीं बताते किसी को,  
कि भीतर कितना अंधेरा छाया है?  
क्यों नहीं बयाँ करते हम,  
कि दिल में कितना अकेलापन समाया है?

उदासी भी एक एहसास है,  
इसे भी जी लेने का हक़ है।  
हर पल खुश रहना संभव नहीं,  
कभी उदास रहना भी सही है।

इसलिए उदासी को न छुपाओ,  
दिल का हाल किसी से बताओ।  
रो लेना भी है ज़रूरी कभी,  
आँसू भी हैं दिल के साथी सभी।

उदासी में भी एक सुकून है,  
इसमें छुपा गहरा जुनून है।  
तो क्यों छुपाते हैं हम ये हाल,  
उदासी भी है जीवन का एक हिस्सा बेमिसाल।

 अनुज प्रताप सिंह सूर्यवंशी 
पूरनपुर पीलीभीत उत्तर प्रदेश


Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form