देखकर दुनिया ने जिसकी हंसी उड़ाई थी
मै नहीं था वो मेरे दर्द की परछाई थी
धीरे धीरे सब अपने कह गए अलविदा मुझे
साथ निभाने को मेरा तन्हा मेरी रुसवाई थी
देता आवाज किस किस मददगार को मै
वो हर वहम टूटा जहां उम्मीद लगाई थी
अफसोस बहुत जताया नाकामी पर मेरी
तमाशबीन दोस्तो ने खूब भीड़ जुटाई थी
उम्मीद थी जिन्हें मेरे डूबकर मर जाने की
हर कोने से उन्होंने वीडियो बनाई थी
बदलेगा वक़्त भी सिर्फ इंसान नहीं "सरल"
तिनके ने सहारा देते हुए उम्मीद बधाई थी
✍️सरल कुमार वर्मा
उन्नाव,यूपी

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