नशा नाश की जड़
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नशा नाश की जड़ है, जानते हैं सभी।
फिर भी इसके गिरफ्त में आ जाते हैं सभी।
पान, गुटखा, तंबाकू में क्या मौज है।खैनी, बीड़ी, सिगरेट पीने में क्या मौज है।दारू -शराब पीकर बर्बाद करते हो अपना घर,अपने हाथों घर जलाने में बोलोक्या मौज है।बातें खरी-खरी यह जानते हैं सभी।फिर भी इसके गिरफ्त में आ जाते हैं सभी।
स्वस्थ शरीर रखना है तो यह सब त्याग दो।
अपना लो शुद्ध भोजन, कभी धुम्रपान न करों।
घर और समाज में होती है बदनामी।
नशा के आदि होते हैं उदण्ड और कामी।
जिंदगी में सफल होना है तो न करों नशा कभी।
भुलकर भी इसके गिरफ्त में न आओ तुम कभी।
नौकरी न कर पाओगे ढंग से बच्चें होंगे बेकार।समय से भोजन न मिलेगा पत्नी भी होगी लाचार।समाज में हर जगह होगी तेरी तौहिनी।सब लोगों की झिड़कियां भी पड़ेगी तुझे सहनी।नशा त्याग करके आपना जीवन सुधार लो सभी।भुलकर भी इसके गिरफ्त में न आओ तुम कभी।****************************
( शिक्षक सह साहित्यकार)
सिवान, बिहार
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