😭आंसू 😭
गम सने अल्फाज ना रोकाते ए आंसू,
नयन के झरोखे छलक जाते आंसू।
नहीं होता कोई रंग अश्रु जनाब,
न कोई आवाज होती गिरने के आंसू।
दिल दरवाजे में करा करके फीलिंग,
गूंगी राज इजहार करती ए आंसू।
बेटियों के अच्छे विदाई सुअवसर,
खुशहाली विलोचन टपकते ए आंसू।
अंतिम छण जीवन विदाई दिवस,
भरे दर्द अल्फाज निकलते ए आंसू।
ढलती हुयी शाम के कोह से निकल,
उजले दिन में प्रवेश करती ए आंसू।
कोमल दिल दरिया होता जो भाव,
है जाती पिरोई ए नमकीन आंसू।
अति बेखौफ, बेकार, तन्हा, बेफिक्र,
बेहिसाब, दौलतमंद नन्हा सा आंसू।
लाख कोशिश करने के वाबजूद ये,
सिसकियों के राहे निकल जाते आंसू।
अति मूल्यवान होने के बावजूद ये,
बात बातों में बर्बाद होते ए आंसू।
जिन घावों का कोई ना होता इलाज,
दवा बनके घावें मिटाते ए आंसू।
बेरंग, निशब्द बन करके फिर भी,
सुरिश्ते निभाए जाते ए आंसू।
अथाह सागर में लगा करके गोते,
कारुष सुमधुरं खजाने ए आंसू।
कलम से✍️
कमलेश कुमार कारुष
मिर्जापुरी


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