॥ आज का भगवद् चिन्तन ॥ ॥ नाम आश्रय ॥
🕉️ जीव के प्रयासों से तो प्रभु कथा एवं प्रभु लीलाएं भी बुद्धि में नहीं बैठ पाती हैं। श्रीमद भगवद् गीता में भगवान श्री कृष्ण , अर्जुन को कहते हैं कि जो निरंतर मेरी कथा और नाम स्मरण में प्रीति पूर्वक लगे रहते हैं उन्हीं भक्तों को मैं कृपा करके वह बुद्धि प्रदान करता हूँ जिस बुद्धि से मेरी लीला समझ आती है।
🕉️ कुछ लोग हैं जो नाम आश्रय किये बिना या कथा के बिना ईश्वर की खोज में लगे हैं। लेकिन जिस पर चलने से गोविन्द मिलते हैं वो मार्ग तो श्रीकृष्ण ही भक्त पर कृपा करके बतलाते हैं। कथा और नाम जप से हृदय विकार मुक्त होता है और प्रभु कृपा करने को बाध्य हो जाते हैं। साधन से प्रभु नहीं मिलते अपितु भगवान् की कृपा से साधन मिलता है।
🕉️ संसार में अपनी बुद्धि , रूप , कुशलता , चातुर्यता, पद , धन किसी भी वस्तु पर अहम मत करना। ये सब तुम्हारी बुद्धि के कारण नहीं भगवद अनुग्रह के कारण तुम्हें प्राप्त हुआ है। बुद्धि तो मिटने वाला तत्व है पर कृपा तो अहर्निश बरसती रहती है। भगवान् की कथा और नाम को कभी भी मत छूटने देना। प्रभु नाम ही इस मनुष्य जीवन की वास्तविक उपलब्धि भी है।
🇮🇳🌹🙏🏻 *🕉️ जय श्री कृष्ण*🙏🏻🌹🇮🇳

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