ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

द्वि विभूति एक्य जयंती, हिंद धरा अति आह्लाद - महेन्द्र कुमार

गांधी जयंती/शास्त्री जयंती।   (02अक्टूबर,2023)
"""""""""""""""""""""""
द्वि विभूति एक्य जयंती, हिंद धरा अति आह्लाद 
*********************************
दो अक्टूबर अद्भुत अनुपम,
द्वि महापुरुष अवतरण दिवस ।
प्रथम अहिंसा परम पुजारी,
द्वितीय सादगी उपमा पियस ।
कोटि कोटि अनंत नमन ,
आत्मसात दोऊ उपदेश प्रसाद ।
 द्वि विभूति एक्य जयंती, हिंद धरा अति आह्लाद  ।।

सत्य वंदन अभिनंदन,
बापू प्रदत्त शांति मंत्र ।
ईमानदारी मय आचार विचार,
शास्त्री जी सोच शासन तंत्र ।
विराट व्यक्तित्व कृतित्व ,
जीवन आदर्श नित निर्विवाद ।
द्वि विभूति एक्य जयंती, हिंद धरा अति आह्लाद ।।

सत्याग्रह सह राष्ट्रपिता,
सदैव प्रगाढ़ अंतर्संबंध ।
जनप्रिय लाल बहादुर,
हर कर्तव्य उच्च आदर्श बंध ।
स्वतंत्रता आंदोलन कड़ा संघर्ष, 
सविनय नैतिक सूत्र प्रतिपाद ।
द्वि विभूति एक्य जयंती, हिंद धरा अति आह्लाद ।।

भारत छोड़ो ,करो या मरो,
गांधी जी उद्घोष आतर्भाव ।
जय जवान जय किसान ,
शास्त्री जी उर स्नेह स्त्राव।
हिंद छवि नित सुशोभित,
उपर्युक्त जीवन अंतर्नाद ।
द्वि विभूति एक्य जयंती, हिंद धरा अति आह्लाद ।।

महेन्द्र कुमार
(स्वरचित मौलिक रचना)

Post a Comment

0 Comments