ग़ज़ल
जाने ऐसी बात क्या है प्यार में है,
बेवज़ह इकरार में, तकरार में।
साथ तेरा आज हमको भा गया,
और अब क्या चाहिए संसार में।
रूप है यौवन भी है, मौसम भी है,
ख्वाहिशों की चाह है दिलदार में।
इश्क़ पर नज़रें करम कर दो सनम
क्या रखा है आज कह इसरार में।
उसके जैसा रश्मि कोई है नहीं,
बात ऐसी यार के किरदार में।
रश्मि ममगाईं

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