ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

माँ की शरण-कंचन मिश्रा शाहजहाँपुर उ. प्र.


माँ की शरण
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माता रानी का नाम जपे तू,
पौडी- पौड़ी चलता जा।

होंगे सारे कष्ट दूर तेरे,
दिल से माता को पुकारे जा।

बन जायेंगे शूल भी फूल,
सर अपना माँ के चरण में झुकाता जा।

कर भरोसा माता पर,
कर्म तू अपना करता जा।

मंज़िल को अपनी निश्चित पायेगा,
बस माँ की राह पर चलता जा।
✍️
कंचन मिश्रा
शाहजहाँपुरउ. प्र.


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