"कोहिनूर"
"खूबसूरत तो हम पहले भी थे,
अब तुमने और सजा दिया।
तेरे नाम के बिंदिया ,चूड़ी ,बिछिया ,
ने नहीं एक चुटकी सिंदूर ने चेहरे ,
के रंग को कोहिनूर बना दिया।
कहने को कहते बंधन है ,इसे
पर मुझे तो इसने ,गगन में उड़ना
सीखा दिया ।
औरों का तो पता नहीं पर ,
आज उन्होंने हमे मोहब्बत
से सजा दिया ।
"उनके नाम के सिंदूर ने चेहरे
को कोहिनूर बना दिया।"
अनुप्रिया कुमारी (झा)

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