ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

सदुपदेस-सरल कुमार वर्मा

लालच, गुरूर, पैसा,  यकीं  तार तार  करता है
जहा में इंसा ही मगर इंसा पर ऐतबार करता है

नसीहत शाहीन  की  फना  हो  जाएगी दुनिया
मरतबत  तेरा  दिल  उसका  बेकरार  करता है

दरो दीवार को कितना भी रंग रोगन कर डालो
रौनक घर में  आपसी रिश्तों का प्यार करता है

छोड़कर घर में  जिन्हें गए थे दौलत कमाने वो
सूनी  आंखें  मुरझाया  चेहरा इंतजार  करता है

करके तबाह  खुद को  कोई  रिश्ते बचा लेता है 
रिश्ते  कोई  सिक्को के  लिए  दागदार करता है

जिसने पाया है शिफा   ताज़ा हवा के  झोको से 
"सरल" वो माहौल  को भी  खुशगवार करता है

                                   सरल कुमार वर्मा
                                     उन्नाव, यूपी
                                     
शब्दार्थ :
नसीहत : सदुपदेस
शाहीन : शिकारी पक्षी
फना : समाप्त,मृत्यु
मरतबत : रुतबा,स्टेटस
शिफा : सेहत, आरोग्य

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