ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

होकर उल्लू पर सवार-प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई

शीर्षक:-होकर उल्लू पर सवार।
होकर उल्लू पर सवार ,
माँ लक्ष्मी चलीं सबके द्वार।
यश धन की करती बरसात, 
शीतल हवा मंद-मंद गाये मल्हार, 
रजनी प्रहर सोने का रथ, 
पालकी चांदी की धन की देवि हुई सवार ।

रिद्धि-सिद्धि के दाता ,
गणेश को ले संग साथ चली ,
खुशियों की टोकरी भरने, 
कुबेर महाराज ,लक्ष्मी,
लगती सबको भली ।
धनतेरस का त्यौहार आया, 
जीवन में शुभ-लाभ लेकर छाया ,
अमीरी-गरीबी का भेद मिटाकर, 
जीवन में अपार खुशियॉं लाया।

बड़ों का सदा आशीर्वाद रहे, 
धन की सदा होती बरसात रहे ,
दुख ,विपत्ति ,दुर्गुण रहे दूर,
माँ लक्ष्मी का घर में निवास रहे ।

प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

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