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अपराधां री
गाथा गावै
टीवी अर अखबार
च्यारूंमेर
फैलतो जा रह्यो
जग में पापाचार
जग में पापाचार
इन्सानियत
हो री शर्मसार
लोगां री करतूतां आगै
सब रिस्ता होग्या तार-तार
"राजस्थानी"
रंग बदळै आदमी
किरगांट्यां जियाण
कुण तो भलो
कुण बुरो
अब कींयां करां पीछाण.
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✍️- तुलसीराम "राजस्थानी"

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