ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

समस्या का हल-प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )

समस्या का हल
कहते है की जीवन में ख़ुशियाँ भी आती है तो समस्या भी आती है।जैसे 12 महीने प्रकृति के समान नहीं होते है उसी तरह हमारे जीवन में खुशी भी है तो समस्या भी है । कोई स्थाई नहीं रहता है ख़ुशी भी आती है तो समस्या भी आती हैं । हर समस्या के तीन समाधान होते है स्वीकार करे, बदल दे, या छोड़ दे । हर समस्या हमें बनाने या हमें तोड़ने के लिए आती है। पसंद हमारी है चाहे हम पीड़ित हों या विजयी क्योंकि समस्याओं की अपनी कोई साईज नही होती हैं ।वह तो सिर्फ हमारी हल करने की क्षमता के आधार पर छोटी और बडी होती है ।इसलिए हम सबको भुलाकर खुद से कर लो अपनी पहचान मिल जाएगा हर गम का हमको असली समाधान। अपना मन ऐसा रखो कि किसी को बुरा न लगे। दिल ऐसा रखो कि किसी को दुःखी न करे।रिश्ता ऐसा रखो कि उसका अंत न हो। जीवन में खुशियां संपत्ति और साधन से नहीं बल्कि संतोष,संतुष्टि , सकारात्मक सोच व प्रेम से मिलती हैं।  जिस तरह चंदन का पेड़ अपनी सुगंध चारों और फैलाता है उसी तरह यदि हम सकारात्मक उर्जा और खुशी के साथ ( आजकल समय का अभाव है) बुजुर्गों के पास थोड़ा समय निकालकर उनके पास बैठें तो  उनके चेहरे का नूर देखने लायक होगा और हाथ आशिष के लिए उठें रहेंगे। किसी जरुरतमंद की सहायता कर सकें या किसी के चेहरे पर हंसी ला सकें तो खुशी की बात होगी।  बस हमारा नजरिया खुशी बांटने वाला हो। जीवन का अंकगणित भी यही है सब के प्रति प्रेम+ सहायता +प्यारी सी मुस्कुराहट+ सकारात्मक सोच ==मिलेगी खुशियां अपरंपार ।तभी तो कहा है कि हर समस्या का निश्चित ही हल आज नहीं तो कल निकलता है ।ज़रूरत है संयत भाव से, प्रसन्न मन से सदा प्रयत्न करते रहे कि यह स्थिति सदा नहीं रहेगी , कर्मों के सुयोग से समस्याएँ जाएँगी ही जाएँगी। इस तरह हम इष्ट में आस्था रखें, सुपरिणाम चखें।वैसे समस्याओं की भी एक उम्र होती है जिसके बाद वे समाप्त होती ही होती हैं।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )

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