भारत के सच्चे वीरो को।।
आज़ादी के परवानों को।
भारत मां के दीवानों को।।
देश धर्म के खातिर जो,
खुशियां अपनी थे भूल गये।
फांसी का फंदा चूम चूम।
हँस के फासीं पर झूल गये।।
इतिहास के पन्नो को मैं।
पीछे जब कभी पलटता हूं।।
राजगुरु, सुखदेव, भगत को।
सदा शत् शत् वंदन करता हूं।।
जिनकी फांसी ने झुका दिया।
गोरों की तेज शमशीरो को।।
नमन करे रणवीरो को।
भारत के सच्चे वीरो को।।
हंगामा धामपुरी
कोई कविता नही बस शब्द रूपी पुष्प🙏🙏🙏🙏🙏
आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को भगत सिंह , राजगुरू ,सुखदेव को फांसी दी गयी थी--भारत मां के वीर सपूतो को नमन, वंदन!!
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