ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

ढेरा

......... ढेरा.......

सवालों का ढेरा है
बस दुआओं का सहारा है।।

मंजिल की राहों  में बसेरा है
बस वक्त का चेहरा है।।

सवालों ने घेरा है
जिम्मेदारियों का पहरा है।।

ख़्वाब में तो आसमान की उड़ान है 
खुदकी बनानी पहचान है।।

सवाल है दिल में फैला,
क्यू चल रहा तू दलदल में अकेला।।

साथ तेरे परछाई भी तो है,
हाथ सिर पर तेरे दुआएं भी तो है।।

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नौशाबा जिलानी सुरिया

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