ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

सफलता का राज

🙏सफलता का राज 🙏

अपने मन में लक्ष्य बनाओ,
आगे जो है करना। 
नित्य प्रयासों को कर करके, 
हर दुर्लभता को हरना। ।

अगर राह में आये कठिनता, 
कभी भी विचलित मत होना। 
संघर्ष को जीवन मानके बन्धू, 
नित्य सत के राहो में खोना। ।

साहस को रखके दिल में, 
आगे को यूं बढ़ना। 
मंजिल कितनी ऊंची हो,
पर धीरज धरके चढ़ना। ।

मकड़ी को जाले में देखो,
चढ़ती गिरती कितनी बार। 
नित कोशिश कर कर वह,
पाती मंजिल का संसार। ।

करो अभ्यास नित बंधुओं, 
और गुरू मानलो प्रैक्टिस। 
कारुष मिली सफलता निश्चित, 
फिर लगी सुनहरा हर इक दिश। ।

             रचनाकार 
     कमलेश कुमार कारुष 
       बबुरा रघुनाथ सिंह 
            मीरजापुर

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