ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

मिट्टी

*मृदा दिवस*

ओ मिट्टी  मिट्टी  देखिए, 
चौतरफा   मिट्टी   मिट्टी।
मिट्टी पे सब टिका हुआ,
धूल    धूसरित    गिट्टी।।

धूल    धूसरित     गिट्टी,
किट्टी      किट्टी     जल।
मिट्टी नमीयुक्त हो जाती,
जब   होत  जुताई  हल।।

मिट्टी पे  सब  पैदा  होते,
बाबा    हो    या    बिट्टी।
एक दिन सब मिल जाते,
के    के    कारुष   मिट्टी।।

कलम से✍️
कमलेश कुमार कारुष 
मिर्जापुर

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