ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

मानव जाति मानवता

*मानव जाति मानवता*

मानव होकर मानव की जाति पूछना है अज्ञानता,
 जाति पाति से ऊपर उठ मैं मानव जाति जानता,
  ऊंच नीच की खांई मानवता संम्मत नहीं यारों,
    मानवता ही असली धर्म है जिसे मैं मानता।।

कलम से✍️
कमलेश कुमार कारुष 
मिर्जापुर

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