कविता
जीवन है एक बहता पानी।
सबकी अपनी अलग कहानी।।
जब तक भयंकर ठंड ना हो यह जमता नहीं है।
रिश्तो की गर्माहट हो तो थमता नहीं है।।
कभी-कभी दूध सब्जी वाले को भूल जाइए।
जीवन जीवन साथी को दिल की गहराइयों में डुबकी लगवाईऐ।।
आंखों में एक सपना चुनना है।
साझेदारी का एक स्वेटर बुनना है।।
कोई चला गया दुनिया से आपको छोड़कर।
कोई महफिल में बैठा है मगर मुंह मोड़कर।
फिर भी खुश रहना होगा।
कर्म फल जानकर सहना होगा।।
जो होना था रोक ना सके तो हंसकर जी ले।
काली घनी रात में घास पर लेट कर तारों की छांव पी ले।।
कोई ऐसा क्यों,कोई वैसा क्यों,
सोचने से कोई फायदा नहीं।
हर वक्त का कुढ़ना जीवन का कायदा नहीं।।
दुनिया एक रंगमंच है,जीवन एक नाटक है।
इसे गंभीरता से लेना दिल के लिए घातक है।।
अंत में तो पर्दा गिरने वाला है।
ऊपर सभी को जाना है।
चित्रगुप्त को हिसाब लगाना है।
मेहनत ईमानदारी से किया और खुशी से दिया वो जमा होगा।
किसी का दिल दुखाया तो वो खफा होगा।।
सामंजस्य बैठाते बैठाते लापता ना होना है।
अस्तित्व बनाए रखना है सम्मान नहीं खोना है।।
"अजनबी"अंधेरों सी दुनिया का ना ध्यान कीजिए।
अपने अंतस के "आलोक" का सम्मान कीजिए।।
आलोक अजनबी
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