🙏मेरा प्यारा गांव 🙏
मेरा प्यारा - प्यारा गांव,
जो घिरा हुआ रम्य दृश्यों से।
यू आकार मनोरम घाटी,
बना हुआ आदि वर्षों से।।
शीतल मंद सुगंध वयारी,
पल - पल बहती सर- सर।
ऊंचे - ऊंचे भारी भूधर,
बसे हुए दिल हर नर - नर। ।
हर ओरी बहते झरने,
बर्षा के दिन झर -झर- झर।
काले - काले मेघ बरसते,
घूम घूमके हर घर - घर। ।
सुन्दर - सुन्दर बाग बगीचे,
गूज रहे खग कलरव से।
कोमल कोमल कमल लहरते,
तालाबों के हलरव से।।
हर ओरी वृक्षों की शोभा,
मन को मोहित करता है।
कारुष परम अलौकिक गांव ,
हर इक गम को हरता है। ।
रचनाकार
कमलेश कुमार कारुष
प्राथमिक विद्यालय किरका
ब्लाक - हलिया
जनपद - मीरजापुर
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