ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

मेरा संदेशा पहुँचा दो हनुमान

#शीर्षक:-मेरा सन्देशा पहुँचा दो हनुमान।

मेरा संदेशा पहुँचा दो हनुमान,
राम धाम राम राम कर के-2,

रघुवर के दर्शन को आतुर-2
पर सम्भव ना हुआ हनुमान,
राम धाम राम राम करके-2
मेरा संदेशा पहुँचा दो हनुमान,
राम धाम राम राम कर के-2।1।

शबरी के जैसे ,
खिलाने के थे आतुर-2
ना बना भाग्य मेरा हनुमान,
राम धाम राम राम करके-2
मेरा संदेशा पहुँचा दो हनुमान,
राम धाम राम राम कर के-2।2।

सरयू की गोद में ,
नहाने को थे आतुर-2
पर कैसे करें पावन स्नान,
राम धाम राम राम करके-2
मेरा संदेशा पहुँचा दो हनुमान,
राम धाम राम राम कर के-2।3।

आँसू बड़े भाग्यशाली ,
गिरते राम खातिर-2,
शरीर बनाऊँ जोगन धाम,
राम धाम राम राम करके-2
मेरा संदेशा पहुँचा दो हनुमान,
राम धाम राम राम कर के-2।4।

पांच सौ वर्षों का कष्ट ,
कैसे करूँ जाहिर-2
अब धन्य हुआ भारत महान,
राम धाम राम राम करके-2
मेरा संदेशा पहुँचा दो हनुमान,
राम धाम राम राम कर के-2।5।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

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