ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

कैद हो जाएगी कलम-सरल कुमार वर्मा



कैद हो जाएगी कलम जब अखबार रनजुर हो जाएंगे
लोकतांत्रिक  मुल्क में तब  हिटलर  मशहूर हो जाएंगे

बेहयाई फिर जश्न करेगी चढ़कर अवाम की छाती पर 
फिर आंख के पर्दे अक्ल पे होंगे चेहरे बेनुर हो जाएंगे

आईंन अगर ये  हट जाए  तो जुल्म और  बढ़  जाएंगे
मेहनत बेबस हो जाएगी  सब जख्म नासूर हो जाएंगे

रामकथा  में  उनकी  ये  अध्याय  नया   रच  जाएगा
लोमड़ी राम  का  हरण करेगी  भालू  लंगूर हो जाएंगे

बाहरवी पास कर करेंगे इंटर आईटी सेल ज्ञान बघरेगा
कश्मीरकरण  तब देश का होगा  सेब खजूर हो जाएंगे

जान के जो अंजान बने उनकी शिनाख्त होगी "सरल"
घोल रहे नफरत जो  फिजां  में वो  नामंजूर हो जाएंगे

                                          सरल कुमार वर्मा
                                             उन्नाव, यूपी
                                  

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