ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

जया मोहन


करवा चौथ 

आया करवा चौथ का त्यौहार 
उमंगों से भरी सुहागिन ले के हिय पिया का प्यार
दिन भर निर्जल व्रत करती
लेश मात्र न वो थकती
सजती करके सोलहो श्रृंगार
पिया में रमता उनका जीवन
तन मन प्रीतम को समर्पण
उससे ही खुशियों का संसार
चंदा से वो कहती जल्दी तुम आ जाना
 चांद का होते ही दीदार
फैला आंचल मांगे उपहार
सदा सलामत रखना मेरा प्यार
सातों जन्म मैं रहूं उनकी
कभी न छूटे साथ हमार 
आया।।।।

स्वरचित ,मौलिक
जया मोहन

स्व परिचय 
जयश्री श्रीवास्तव 
जया मोहन 
सम्प्रति पूर्व सहायक सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज 
पिता स्व कृष्ण शरण 
माता स्व कुसुम श्रीवास्तव 
पति श्री ललित मोहन श्रीवास्तव 
साहित्य की विभिन्न विधाओं में अब तक प्रकाशित 43 किताबे
अंतर्राजीय सामाजिक साहित्यिक संस्थाओं से 150 से अधिक सम्मान वा मानद उपाधि 
पता -265 सी/ 1 स्टैनली रोड कमला नगर प्रयागराज पिन कोड 211002

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