सत्य सदा ही अकेला होगा
झूठ का रंग सुनहरा होगा
जिसके चारित्र में खोट रहेगा
उसका दामन मैला होगा
दे दो बलात्कारी को फांसी
दृश्य यहां का बदला होगा
वृद्धाश्रम जो भेजे पिता को
पुत्र वो सोचो कैसा होगा
दया भाव न मन में हो जिसके
जीवन पशु के जैसा होगा
जिसने समय का मोल न समझा
अपने भविष्य पे रोता होगा
चाहे गीत हो चाहे ग़ज़ल हो
दर्द में डूबा मतला होगा
सेवा करे जो मात पिता की
उसका भविष्य सुनहरा होगा
है विश्वास कलीम को भगवन
जो भी होगा अच्छा होगा
कलीम जाफरी कानपुर